एक जुट हों क्षत्रिय समाज
वर्त्तमान समय में में सभी क्षत्रिय समाजो की एकता से ही खुशहाली, विकास और प्रगति के नए अध्यायों को खोला जा सकता है।
आपसी मतभेद और कलह के कारण क्षत्रिय समाज और देश की नींव खोखली हो जाती है और ईष्या का यह जहर सभी क्षत्रिय समाज के लोगों को धार्मिक विकास, शैक्षिक विकास, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक संरक्षण एवं राजनैतिक विकास को विषाक्त बना देता है। इस वैमनस्य से बचने का एकमात्र तरीका आपसी सदभाव और प्रेम है, फिर चाहे वह एक क्षत्रिय समाज के भीतर हो अथवा सभी क्षत्रिय समाजो का आपसी तालमेल हो। कभी देश की आन-बान और शान माने जाने वाला क्षत्रिय समुदाय आपसी अर्न्तकलह के कारण यहां तक पिछड़ता चला गया कि समाज का एक वर्ग अब क्षत्रिय समाज के लिए आरक्षण की मांग करने लगा है।
यह अब समय की आवश्यकता है कि सभी क्षत्रिय समाज के लोग आपसी मनमुटाव व स्वार्थ भुलाकर सभी क्षत्रिय समाजो के हर वर्ग के साथ अपने मधुरता के संबध बनाते हुए खोए हुए गौरव को वापस लेकर आए और क्षत्रिय समाज को महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान और राणा सांगा जैसे महान राजाओं के आदर्शों पर चलकर नई परिभाषा प्रदान करें। महाराणा प्रताप जैसे देश-भक्त शूरवीर का नाम इस सृष्टि के अंत तक गूंजता रहेगा और विश्व में हर किसी नौजवान को अन्याय, पाप, दुराचार और अत्याचार के विरूध्द खड़ा होने की प्रेरणा देता रहेगा।
आपसी मतभेद और कलह के कारण क्षत्रिय समाज और देश की नींव खोखली हो जाती है और ईष्या का यह जहर सभी क्षत्रिय समाज के लोगों को धार्मिक विकास, शैक्षिक विकास, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक संरक्षण एवं राजनैतिक विकास को विषाक्त बना देता है। इस वैमनस्य से बचने का एकमात्र तरीका आपसी सदभाव और प्रेम है, फिर चाहे वह एक क्षत्रिय समाज के भीतर हो अथवा सभी क्षत्रिय समाजो का आपसी तालमेल हो। कभी देश की आन-बान और शान माने जाने वाला क्षत्रिय समुदाय आपसी अर्न्तकलह के कारण यहां तक पिछड़ता चला गया कि समाज का एक वर्ग अब क्षत्रिय समाज के लिए आरक्षण की मांग करने लगा है।
यह अब समय की आवश्यकता है कि सभी क्षत्रिय समाज के लोग आपसी मनमुटाव व स्वार्थ भुलाकर सभी क्षत्रिय समाजो के हर वर्ग के साथ अपने मधुरता के संबध बनाते हुए खोए हुए गौरव को वापस लेकर आए और क्षत्रिय समाज को महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान और राणा सांगा जैसे महान राजाओं के आदर्शों पर चलकर नई परिभाषा प्रदान करें। महाराणा प्रताप जैसे देश-भक्त शूरवीर का नाम इस सृष्टि के अंत तक गूंजता रहेगा और विश्व में हर किसी नौजवान को अन्याय, पाप, दुराचार और अत्याचार के विरूध्द खड़ा होने की प्रेरणा देता रहेगा।
गौरवशाली इतिहास
राजपूतों की वंशावली
"दस रवि से दस चन्द्र से बारह ऋषिज प्रमाण,
चार हुतासन सों भये कुल छत्तिस वंश प्रमाण
अर्थ:- दस सूर्य वंशीय क्षत्रिय दस चन्द्र वंशीय,बारह ऋषि वंशी एवं चार अग्नि वंशीय कुल छत्तिस क्षत्रिय वंशों का प्रमाण है,बाद में भौमवंश नागवंश क्षत्रियों को सामने करने के बाद जब चौहान वंश चौबीस अलग अलग वंशों में जाने लगा तब क्षत्रियों के बासठ अंशों का पमाण मिलता है।चार हुतासन सों भये कुल छत्तिस वंश प्रमाण
भौमवंश से धाकरे टांक नाग उनमान
चौहानी चौबीस बंटि कुल बासठ वंश प्रमाण."सूर्य वंश की दस शाखायें:-
१. कछवाह २. राठौड ३. बडगूजर४. सिकरवार ५. सिसोदिया ६. गहलोत ७. गौर ८. गहलबार ९. रेकबार १०. जुनने
चन्द्र वंश की दस शाखायें:-
१.जादौन २. भाटी ३. तोमर ४. चन्देल ५. छोंकर ६. होंड ७. पुण्डीर ८. कटैरिया ९. स्वांगवंश १०.वैस
अग्निवंश की चार शाखायें:-
१.चौहान २. सोलंकी ३. परिहार ४. पमार.
ऋषिवंश की बारह शाखायें:-
१.सेंगर २. दीक्षित ३. दायमा ४. गौतम ५. अनवार (राजा जनक के वंशज) ६. विसेन ७. करछुल ८. हय ९. अबकू तबकू
१०. कठोक्स ११. द्लेला १२. बुन्देला
चौहान वंश की चौबीस शाखायें:-
१.हाडा २.खींची ३.सोनीगारा ४.पाविया ५.पुरबिया ६.संचौरा ७.मेलवाल८.भदौरिया ९.निर्वाण १०.मलानी ११.धुरा
१२.मडरेवा १३.सनीखेची १४.वारेछा १५.पसेरिया १६.बालेछा १७.रूसिया १८.चांदा१९.निकूम २०.भावर २१.छछेरिया
२२.उजवानिया २३.देवडा २४.बनकर.
१२.मडरेवा १३.सनीखेची १४.वारेछा १५.पसेरिया १६.बालेछा १७.रूसिया १८.चांदा१९.निकूम २०.भावर २१.छछेरिया
२२.उजवानिया २३.देवडा २४.बनकर.
क्षत्रिय जातियों की सूचि
नाम | गोत्र | वंश | स्थान और जिला |
१. | सूर्यवंशी | भारद्वाज | सूर्य | बुलन्दशहर आगरा मेरठ अलीगढ |
२. | गहलोत | बैजवापेण | सूर्य | मथुरा कानपुर और पूर्वी जिले |
३. | सिसोदिया | बैजवापेड | सूर्य | महाराणा उदयपुर स्टेट |
४. | कछवाहा | मानव | सूर्य | महाराजा जयपुर और ग्वालियर राज्य |
५. | राठोड | कश्यप | सूर्य | जोधपुर बीकानेर और पूर्व और मालवा |
६. | सोमवंशी | अत्रय | चन्द | प्रतापगढ और जिला हरदोई |
७. | यदुवंशी | अत्रय | चन्द | राजकरौली राजपूताने में |
८. | भाटी | अत्रय | जादौन | महारजा जैसलमेर राजपूताना |
९. | जाडेचा | अत्रय | यदुवंशी | महाराजा कच्छ भुज |
१०. | जादवा | अत्रय | जादौन | शाखा अवा. कोटला ऊमरगढ आगरा |
११. | तोमर | व्याघ्र | चन्द | पाटन के राव तंवरघार जिला ग्वालियर |
१२. | कटियार | व्याघ्र | तोंवर | धरमपुर का राज और हरदोई |
१३. | पालीवार | व्याघ्र | तोंवर | गोरखपुर |
१४. | परिहार | कौशल्य | अग्नि | इतिहास में जानना चाहिये |
१५. | तखी | कौशल्य | परिहार | पंजाब कांगडा जालंधर जम्मू में |
१६. | पंवार | वशिष्ठ | अग्नि | मालवा मेवाड धौलपुर पूर्व मे बलिया |
१७. | सोलंकी | भारद्वाज | अग्नि | राजपूताना मालवा सोरों जिला एटा |
१८. | चौहान | वत्स | अग्नि | राजपूताना पूर्व और सर्वत्र |
१९. | हाडा | वत्स | चौहान | कोटा बूंदी और हाडौती देश |
२०. | खींची | वत्स | चौहान | खींचीवाडा मालवा ग्वालियर |
२१. | भदौरिया | वत्स | चौहान | नौगंवां पारना आगरा इटावा गालियर |
२२. | देवडा | वत्स | चौहान | राजपूताना सिरोही राज |
२३. | शम्भरी | वत्स | चौहान | नीमराणा रानी का रायपुर पंजाब |
२४. | बच्छगोत्री | वत्स | चौहान | प्रतापगढ सुल्तानपुर |
२५. | राजकुमार | वत्स | चौहान | दियरा कुडवार फ़तेहपुर जिला |
२६. | पवैया | वत्स | चौहान | ग्वालियर |
२७. | गौर,गौड | भारद्वाज | सूर्य | शिवगढ रायबरेली कानपुर लखनऊ |
२८. | वैस | भारद्वाज | चन्द्र | उन्नाव रायबरेली मैनपुरी पूर्व में |
२९. | गेहरवार | कश्यप | सूर्य | माडा हरदोई उन्नाव बांदा पूर्व |
३०. | सेंगर | गौतम | ब्रह्मक्षत्रिय | जगम्बनपुर भरेह इटावा जालौन |
३१. | कनपुरिया | भारद्वाज | ब्रह्मक्षत्रिय | पूर्व में राजाअवध के जिलों में हैं |
३२. | बिसैन | वत्स | ब्रह्मक्षत्रिय | गोरखपुर गोंडा प्रतापगढ में हैं |
३३. | निकुम्भ | वशिष्ठ | सूर्य | गोरखपुर आजमगढ हरदोई जौनपुर |
३४. | सिरसेत | भारद्वाज | सूर्य | गाजीपुर बस्ती गोरखपुर |
३५. | कटहरिया | वशिष्ठ्याभारद्वाज, | सूर्य | बरेली बंदायूं मुरादाबाद शहाजहांपुर |
३६. | वाच्छिल | अत्रयवच्छिल | चन्द्र | मथुरा बुलन्दशहर शाहजहांपुर |
३७. | बढगूजर | वशिष्ठ | सूर्य | अनूपशहर एटा अलीगढ मैनपुरी मुरादाबाद हिसार गुडगांव जयपुर |
३८. | झाला | मरीच कश्यप | चन्द्र | धागधरा मेवाड झालावाड कोटा |
३९. | गौतम | गौतम | ब्रह्मक्षत्रिय | राजा अर्गल फ़तेहपुर |
४०. | रैकवार | भारद्वाज | सूर्य | बहरायच सीतापुर बाराबंकी |
४१. | करचुल हैहय | कृष्णात्रेय | चन्द्र | बलिया फ़ैजाबाद अवध |
४२. | चन्देल | चान्द्रायन | चन्द्रवंशी | गिद्धौर कानपुर फ़र्रुखाबाद बुन्देलखंड पंजाब गुजरात |
४३. | जनवार | कौशल्य | सोलंकी शाखा | बलरामपुर अवध के जिलों में |
४४. | बहरेलिया | भारद्वाज | वैस की गोद सिसोदिया | रायबरेली बाराबंकी |
४५. | दीत्तत | कश्यप | सूर्यवंश की शाखा | उन्नाव बस्ती प्रतापगढ जौनपुर रायबरेली बांदा |
४६. | सिलार | शौनिक | चन्द्र | सूरत राजपूतानी |
४७. | सिकरवार | भारद्वाज | बढगूजर | ग्वालियर आगरा और उत्तरप्रदेश में |
४८. | सुरवार | गर्ग | सूर्य | कठियावाड में |
४९. | सुर्वैया | वशिष्ठ | यदुवंश | काठियावाड |
५०. | मोरी | ब्रह्मगौतम | सूर्य | मथुरा आगरा धौलपुर |
५१. | टांक (तत्तक) | शौनिक | नागवंश | मैनपुरी और पंजाब |
५२. | गुप्त | गार्ग्य | चन्द्र | अब इस वंश का पता नही है |
५३. | कौशिक | कौशिक | चन्द्र | बलिया आजमगढ गोरखपुर |
५४. | भृगुवंशी | भार्गव | चन्द्र | वनारस बलिया आजमगढ गोरखपुर |
५५. | गर्गवंशी | गर्ग | ब्रह्मक्षत्रिय | नृसिंहपुर सुल्तानपुर |
५६. | पडियारिया, | देवल,सांकृतसाम | ब्रह्मक्षत्रिय | राजपूताना |
५७. | ननवग | कौशल्य | चन्द्र | जौनपुर जिला |
५८. | वनाफ़र | पाराशर,कश्यप | चन्द्र | बुन्देलखन्ड बांदा वनारस |
५९. | जैसवार | कश्यप | यदुवंशी | मिर्जापुर एटा मैनपुरी |
६०. | चौलवंश | भारद्वाज | सूर्य | दक्षिण मद्रास तमिलनाडु कर्नाटक में |
६१. | निमवंशी | कश्यप | सूर्य | संयुक्त प्रांत |
६२. | वैनवंशी | वैन्य | सोमवंशी | मिर्जापुर |
६३. | दाहिमा | गार्गेय | ब्रह्मक्षत्रिय | काठियावाड राजपूताना |
६४. | पुण्डीर | कपिल | ब्रह्मक्षत्रिय | पंजाब गुजरात रींवा यू.पी. |
६५. | तुलवा | आत्रेय | चन्द्र | राजाविजयनगर |
६६. | कटोच | कश्यप | भूमिवंश | राजानादौन कोटकांगडा |
६७. | चावडा,पंवार,चोहान,वर्तमान कुमावत | वशिष्ठ | पंवार की शाखा | मलवा रतलाम उज्जैन गुजरात मेवाड |
६८. | अहवन | वशिष्ठ | चावडा,कुमावत | खेरी हरदोई सीतापुर बारांबंकी |
६९. | डौडिया | वशिष्ठ | पंवार शाखा | बुलंदशहर मुरादाबाद बांदा मेवाड गल्वा पंजाब |
७०. | गोहिल | बैजबापेण | गहलोत शाखा | काठियावाड |
७१. | बुन्देला | कश्यप | गहरवारशाखा | बुन्देलखंड के रजवाडे |
७२. | काठी | कश्यप | गहरवारशाखा | काठियावाड झांसी बांदा |
७३. | जोहिया | पाराशर | चन्द्र | पंजाब देश मे |
७४. | गढावंशी | कांवायन | चन्द्र | गढावाडी के लिंगपट्टम में |
७५. | मौखरी | अत्रय | चन्द्र | प्राचीन राजवंश था |
७६. | लिच्छिवी | कश्यप | सूर्य | प्राचीन राजवंश था |
७७. | बाकाटक | विष्णुवर्धन | सूर्य | अब पता नहीं चलता है |
७८. | पाल | कश्यप | सूर्य | यह वंश सम्पूर्ण भारत में बिखर गया है |
७९. | सैन | अत्रय | ब्रह्मक्षत्रिय | यह वंश भी भारत में बिखर गया है |
८०. | कदम्ब | मान्डग्य | ब्रह्मक्षत्रिय | दक्षिण महाराष्ट्र मे हैं |
८१. | पोलच | भारद्वाज | ब्रह्मक्षत्रिय | दक्षिण में मराठा के पास में है |
८२. | बाणवंश | कश्यप | असुरवंश | श्री लंका और दक्षिण भारत में,कैन्या जावा में |
८३. | काकुतीय | भारद्वाज | चन्द्र,प्राचीन सूर्य था | अब पता नही मिलता है |
८४. | सुणग वंश | भारद्वाज | चन्द्र,पाचीन सूर्य था, | अब पता नही मिलता है |
८५. | दहिया | कश्यप | राठौड शाखा | मारवाड में जोधपुर |
८६. | जेठवा | कश्यप | हनुमानवंशी | राजधूमली काठियावाड |
८७. | मोहिल | वत्स | चौहान शाखा | महाराष्ट्र मे है |
८८. | बल्ला | भारद्वाज | सूर्य | काठियावाड मे मिलते हैं |
८९. | डाबी | वशिष्ठ | यदुवंश | राजस्थान |
९०. | खरवड | वशिष्ठ | यदुवंश | मेवाड उदयपुर |
९१. | सुकेत | भारद्वाज | गौड की शाखा | पंजाब में पहाडी राजा |
९२. | पांड्य | अत्रय | चन्द | अब इस वंश का पता नहीं |
९३. | पठानिया | पाराशर | वनाफ़रशाखा | पठानकोट राजा पंजाब |
९४. | बमटेला | शांडल्य | विसेन शाखा | हरदोई फ़र्रुखाबाद |
९५. | बारहगैया | वत्स | चौहान | गाजीपुर |
९६. | भैंसोलिया | वत्स | चौहान | भैंसोल गाग सुल्तानपुर |
९७. | चन्दोसिया | भारद्वाज | वैस | सुल्तानपुर |
९८. | चौपटखम्ब | कश्यप | ब्रह्मक्षत्रिय | जौनपुर |
९९. | धाकरे | भारद्वाज(भृगु) | ब्रह्मक्षत्रिय | आगरा मथुरा मैनपुरी इटावा हरदोई बुलन्दशहर |
१००. | धन्वस्त | यमदाग्नि | ब्रह्मक्षत्रिय | जौनपुर आजमगढ वनारस |
१०१. | धेकाहा | कश्यप | पंवार की शाखा | भोजपुर शाहाबाद |
१०२. | दोबर(दोनवर) | वत्स या कश्यप | ब्रह्मक्षत्रिय | गाजीपुर बलिया आजमगढ गोरखपुर |
१०३. | हरद्वार | भार्गव | चन्द्र शाखा | आजमगढ |
१०४. | जायस | कश्यप | राठौड की शाखा | रायबरेली मथुरा |
१०५. | जरोलिया | व्याघ्रपद | चन्द्र | बुलन्दशहर |
१०६. | जसावत | मानव्य | कछवाह शाखा | मथुरा आगरा |
१०७. | जोतियाना(भुटियाना) | मानव्य | कश्यप,कछवाह शाखा | मुजफ़्फ़रनगर मेरठ |
१०८. | घोडेवाहा | मानव्य | कछवाह शाखा | लुधियाना होशियारपुर जालन्धर |
१०९. | कछनिया | शान्डिल्य | ब्रह्मक्षत्रिय | अवध के जिलों में |
११०. | काकन | भृगु | ब्रह्मक्षत्रिय | गाजीपुर आजमगढ |
१११. | कासिब | कश्यप | कछवाह शाखा | शाहजहांपुर |
११२. | किनवार | कश्यप | सेंगर की शाखा | पूर्व बंगाल और बिहार में |
११३. | बरहिया | गौतम | सेंगर की शाखा | पूर्व बंगाल और बिहार |
११४. | लौतमिया | भारद्वाज | बढगूजर शाखा | बलिया गाजी पुर शाहाबाद |
११५. | मौनस | मानव्य | कछवाह शाखा | मिर्जापुर प्रयाग जौनपुर |
११६. | नगबक | मानव्य | कछवाह शाखा | जौनपुर आजमगढ मिर्जापुर |
११७. | पलवार | व्याघ्र | सोमवंशी शाखा | आजमगढ फ़ैजाबाद गोरखपुर |
११८. | रायजादे | पाराशर | चन्द्र की शाखा | पूर्व अवध में |
११९. | सिंहेल | कश्यप | सूर्य | आजमगढ परगना मोहम्दाबाद |
१२०. | तरकड | कश्यप | दीक्षित शाखा | आगरा मथुरा |
१२१. | तिसहिया | कौशल्य | परिहार | इलाहाबाद परगना हंडिया |
१२२. | तिरोता | कश्यप | तंवर की शाखा | आरा शाहाबाद भोजपुर |
१२३. | उदमतिया | वत्स | ब्रह्मक्षत्रिय | आजमगढ गोरखपुर |
१२४. | भाले | वशिष्ठ | पंवार | अलीगढ |
१२५. | भालेसुल्तान | भारद्वाज | वैस की शाखा | रायबरेली लखनऊ उन्नाव |
१२६. | जैवार | व्याघ्र | तंवर की शाखा | दतिया झांसी बुन्देलखंड |
१२७. | सरगैयां | व्याघ्र | सोमवंश | हमीरपुर बुन्देलखण्ड |
१२८. | किसनातिल | अत्रय | तोमरशाखा | दतिया बुन्देलखंड |
१२९. | टडैया | भारद्वाज | सोलंकीशाखा | झांसी ललितपुर बुन्देलखंड |
१३०. | खागर | अत्रय | यदुवंश शाखा | जालौन हमीरपुर झांसी |
१३१. | पिपरिया | भारद्वाज | गौडों की शाखा | बुन्देलखंड |
१३२. | सिरसवार | अत्रय | चन्द्र शाखा | बुन्देलखंड |
१३३. | खींचर | वत्स | चौहान शाखा | फ़तेहपुर में असौंथड राज्य |
१३४. | खाती | कश्यप | दीक्षित शाखा | बुन्देलखंड,राजस्थान में कम संख्या होने के कारण इन्हे बढई गिना जाने लगा |
१३५. | आहडिया | बैजवापेण | गहलोत | आजमगढ |
१३६. | उदावत | बैजवापेण | गहलोत | आजमगढ |
१३७. | उजैने | वशिष्ठ | पंवार | आरा डुमरिया |
१३८. | अमेठिया | भारद्वाज | गौड | अमेठी लखनऊ सीतापुर |
१३९. | दुर्गवंशी | कश्यप | दीक्षित | राजा जौनपुर राजाबाजार |
१४०. | बिलखरिया | कश्यप | दीक्षित | प्रतापगढ उमरी राजा |
१४१. | डोमरा | कश्यप | सूर्य | कश्मीर राज्य और बलिया |
१४२. | निर्वाण | वत्स | चौहान | राजपूताना (राजस्थान) |
१४३. | जाटू | व्याघ्र | तोमर | राजस्थान,हिसार पंजाब |
१४४. | नरौनी | मानव्य | कछवाहा | बलिया आरा |
१४५. | भनवग | भारद्वाज | कनपुरिया | जौनपुर |
१४६. | गिदवरिया | वशिष्ठ | पंवार | बिहार मुंगेर भागलपुर |
१४७. | रक्षेल | कश्यप | सूर्य | रीवा राज्य में बघेलखंड |
१४८. | कटारिया | भारद्वाज | सोलंकी | झांसी मालवा बुन्देलखंड |
१४९. | रजवार | वत्स | चौहान | पूर्व मे बुन्देलखंड |
१५०. | द्वार | व्याघ्र | तोमर | जालौन झांसी हमीरपुर |
१५१. | इन्दौरिया | व्याघ्र | तोमर | आगरा मथुरा बुलन्दशहर |
१५२. | छोकर | अत्रय | यदुवंश | अलीगढ मथुरा बुलन्दशहर |
१५३. | जांगडा | वत्स | चौहान | बुलन्दशहर पूर्व में झांसी |